If patients or their caregivers have a grievance against a doctor or the hospital administration regarding the quality of treatment provided, they have a right to seek redressal for the same. Further, they can do so if any of their other rights as patients have been violated. For instance, violation of privacy, discrimination against you etc.
Hospital’s Grievance Office
This can be the first place to approach when seeking redressal against professional misconduct1 by a doctor or hospital. A grievance redressal mechanism in a hospital works on resolving issues faced by patients. However, if the issue is not satisfactorily resolved at this level, the patient can approach the other authorities given below.
National, State or District Level Council of Clinical Establishments
Clinical establishments are government or private places that provide medical services. For instance, if there are any shortcomings of clinical establishments in meeting standards of infrastructure or care, you can approach the officer or authority of a State or Union Territory2 to report issues. For example, you can complain if the medical equipment is not in a good working condition or if they lose or misplace your medical records. You can find a list of officers in each State here.
State Medical Councils
You can approach State Medical Councils to seek disciplinary action against a doctor or hospital administration.3 Further, to find a list of state councils, see here.
Police
In case of criminal conduct by the doctor or hospital administration, you can file an FIR against them. Further, you can also call on 100 (police helpline) to register a complaint.
Shivam
September 20, 2023
Management staff behave like they have hired a bouncerswho are ready to fight with patients
And hygien level is zero of the hospital
Alka Manral
September 2, 2024
You can send a complaint in writing to the Medical Superintendent (M.S) of the concerned Hospital
with a copy to Chief Medical Officer (CMO)/ Civil Surgeon of his area.
Vijaya kumar
October 21, 2024
Medinova hospital at medchal is offering false offer like they say it’s is a free eye checkup, but when we reach the hospital the lady sitting in the eye department says if you buy glasses then only she will do free eye check that means she was literally demanding money from patient.
That lady in eye room department office was behaving very rudely and very arrogantly. These kind of behaviour issues needs to be addressed immediately as not to make it controversial.
banti kumari
March 3, 2024
in bihar most of the hospital does not have proper medical equipments
Dipak patil
October 8, 2024
धुळे सरकारी रुग्णालयात डिलिव्हरी साठी नेलं असता चुकीच्या पद्धतीने टाकेगेले त्यांनतर पूर्ण पाने काळजी पण नाही घेत सर्व त्या हेल्पर महिला कडे सोपवलं जात रुग्णालयात संपूर्ण परिसर गवत कचरा उस्ट पडलेलं राहत
Shubham kumar
October 25, 2024
मैंने दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में अपनी माताजी का मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था इस ऑपरेशन के लिए हमें ₹70000 की फ़ीस बताई गई थी हमने 70000 पूरी फीस देकर के ऑपरेशन करा दिया ऑपरेशन होने के बाद जब हम चेकअप कराने गए तो डॉक्टर ने हमें बताया कि आपके माता जी की आंख का लेंस रिप्लेस करना होगा जिसका हमने कारण पूछा तो हमें बताया गया कि मशीन की गलत मेजरमेंट की वजह से लेंस गलत नंबर का आंख में डाल दिया गया है मेरी माताजी एक बुजुर्ग महिला है उनका शारीरिक स्वास्थ्य ज्यादा मजबूत नहीं है हमने जैसे कैसे उन्हें हिम्मत देकर ऑपरेशन के लिए तैयार कराया था अब अस्पताल के गलती के कारण हमारे लिए एक नई परेशानी सामने आ गई थी हमने अपनी माता जी को दोबारा ऑपरेशन के लिए फिर से तैयार किया अस्पताल के बताए दिन अनुसार हम वहां ऑपरेशन के समय पर पहुंच गए जब हम अस्पताल पहुंचे तो हमसे दोबारा लेंस के लिए ₹30000 मांगे गए जबकि हमारे और हमारे पेशेंट की इसमें कोई गलती नहीं थी अस्पताल की तरफ से गलत नंबर का लेंस माता जी की आंख में डाल दिया गया था यह बात जब हमने अस्पताल के सामने रखी तो उन्होंने हमें ना तो डॉक्टर से मिलने दिया ना ही ऑपरेशन किया अस्पताल के कर्मचारियों ने हमसे कहा आप इंतजार करिए हम मैनेजमेंट से बात करते हैं ऐसा कहकर हमें सुबह से शाम तक अस्पताल में बैठा कर रखा आखिरकार जब हमने स्पष्ट रूप से पूछा कि ऑपरेशन होगा या नहीं होगा तो हमें बताया गया कि जब तक आप कुछ रुपया नहीं देंगे तब तक नहीं होगा आखिरकार अस्पताल कर्मचारियों को काफी समझाने के बाद भी उनकी समझ में नहीं आया बल्कि उन्होंने हमें मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया हमें ताने मारने शुरू कर दिए जब पैसे नहीं होते हैं तो इलाज कराने क्यों आते हो अपनी माताजी का खराब स्वास्थ्य और उनकी आंख में गलत लेंस डल जाने के कारण हम काफी चिंतित थे आखिरकार हमसे ₹10000 लेकर के ऑपरेशन करने के लिए तैयार हुए ऑपरेशन होने के बाद हमें दो दिन बाद चेक कराने आने को कहा जब हम चेक कराने के लिए वहां पहुंचे तो चेक होने के बाद हमने अपनी बात डॉक्टर साहब को बताना चाहा कि हमारे साथ अस्पताल में यह सब हुआ है हमें नहीं पता था कि डॉक्टर साहब की मदर ही उस अस्पताल की सीईओ है डॉक्टर साहब व डॉक्टर साहब की मदर व अन्य डाक्टर व अस्पताल कर्मचारियों ने हमसे दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया हमारे साथ बदतमीजी करने पर उतारू हो गए उन्होंने मेरी माता जी का भी कोई लिहाज नहीं किया उनके साथ भी बदतमीजी करनी शुरू कर दी हमने कहा कि आप यह हमारे साथ गलत कर रहे हैं हम आपकी कानूनी तरीके से कंप्लेंट करेंगे तो उन्होंने गार्ड को बुलाकर हमारे से फाइल झपटने की कोशिश करी अस्पताल के गार्ड को हमारे सामने खड़ा करके हमारा रास्ता रोक दिया गया आखिरकार हमने अन्य पेशेंट से तुरंत मदद मांगी और हम वहां से अपनी फाइल को लेकर आने में कामयाब हो सके जब से यह घटना हुई है तब से मेरी माता जी का स्वास्थ्य बहुत ज्यादा खराब है वह काफी चिंतित है और मैं अपने परिवार के साथ हुई इस घटना से काफी परेशान हूं मैं अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई चाहता हूं
Khan Lal Mohammad
October 27, 2024
Miranpur Akbarpur ambadkar nagar up 224122 k psc me birthday certificate k liye paise mangte h puchne par badtamizi krte h …
Ankit Soni
November 8, 2024
Motilal Nehru Division Hospital Nakaskona Pryagraj me abhi time 10:00 AM tk Skin department ke Doctor absent hi puchhne par stap bta rha hi unhe nhi pta doctor kab tak aayenge
arvind kumar
November 9, 2024
नमस्कार सर
मेरा नाम अरविन्द कुमार है मै मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का निवासी हु
मै एक dilasyes मरीज हु जिस वजह से मेरे पास डॉक्टर सुनील कुमार निवासी लुधियाना का फोन आया था
उन्होंने मुझको बोला कि मैं आपकी dilasyes 3 month में बंद करा दूंगा
मै अपनी पत्नी के घने गिरवी रखकर उससे दवाई लेने 6/10/24 को लुधियाना गया था
जिसमें उसने मुझको 15 दिन की दवाई दी थी और बाकी के लिए बोला कि पहले ये खा लो बाकी दवाई मै आपको 10 दिन बाद कोरियर करा दूंगा
14/10/24 से मै उनको लगातार फोन कर रहा हु मेडिसिन कोरियर करने के लिए पर न तो वो मेरा फोन उठाते है जल्दी से न ही कोई रिप्लाई देते है
रोज आज कल कर रहे है
मै बहुत परेशान हु कृपया मेरी समस्या का हल करे
धन्यवाद
डॉ सुनील कुमार
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ये उनका नम्बर है मुझको उन्होंने लुधियाना में गिल चौक बुलाया था
Ratnesh
November 15, 2024
में अपने चाचा को महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल लेकर आया और उन्हें यह आके बताया कि ये पैरालाइज से हो गए हे एक पांव से और इन्हें पानी पीने में डर लग रहा हे लेकिन पी लेते हे और थोड़ा डर रहे हे!
लेकिन जो डॉक्टर देख रहे थे उन्होंने इन्हें बिल्कुल हाथ भी नहीं लगाया और दूर से ही हवा करने लगे इनके मुंह पर और मुझे बोला पानी पिलाओ खुद कुछ भी नहीं कर रहे थे सब मुझसे ही करवा रहे थे
और इन्होंने बोल दिया कि ये हैड्रोफोबिया हे और इसका इलाज नहीं हे आप यह रेबीज वार्ड में इन्हें छोड़ दो या घर ले जाना चाहो तो ले जाओ फिर बोलने लगे कि घर वाले को रिस्क भी हे दूर रहे सब
ज्यादा नहीं जी पाएंगे २४ घण्टे में एक्सपायर हो जाएंगे मैने यह इसलिए रखा क्योंकि में रेंट के घर में रहता हूं तो आप यही रेबीज वार्ड में रखलो मुझे नहीं पता था कि डॉक्टर इन्हें देखने भी नहीं आएंगे !
इसीलिए मैने यह रखने का फैसला किया इन्होंने मुझे बोला था कि symptoms रेबीज वाले ही हैं तो मैने भी फैमिली को लेके डरने लगा कि किसी और को न हो जाए इसलिए मैने यह रखने का फैसला किया और ये लोगों ने सिर्फ गॉर्ड और मुझे बार बार देखने के लिए बोला कि चैक करते रहना कैसे हे में जब भी आता तो मुझे वो बोलते की बाहर निकल लो बाहर निकल लो मैने ये डॉक्टर को भी बोला पर उन्होंने बोला रेबीज का मरीज़ ऐसे ही करता हे और जो भी स्टाफ के थे गॉर्ड और नर्स सबने ऐसे ही बोला तो में इसके बारे में इतना जानता नहीं था तो मैने भी माना कि हो सकता हे कि ऐसा होता हो ये लोग सब बोल रहे हे लेकिन गॉर्ड और एक दो बार नर्स देख कर गए बाकी कोई डॉक्टर नहीं देखने आया जो कि थोड़ा बहुत समझ सके कि क्या पता मरीज़ को रेबीज की समस्या न हो और कुछ और भी समस्या हो सकती हे! 26 घंटे बाद डॉक्टर आए देखने वो भी कोई स्टॉफ हाथ नहीं लगा रहा था हमसे ही सब बोल रहे थे कि ऊपर लेटा दो क्योंकि मरीज़ बेड से 1 घण्टे बाद ही गिर गया था
Sikha
January 18, 2025
आपकी स्थिति गंभीर और संवेदनशील है। जो आप बता रहे हैं, उससे यह प्रतीत होता है कि डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ ने उचित ध्यान और इलाज नहीं दिया। इसे चिकित्सा लापरवाही (Medical Negligence) कहा जाता है। ऐसे मामलों में कानून आपके अधिकारों की सुरक्षा करता है।
क्या करें:
अस्पताल की रिपोर्ट और दस्तावेज़ जुटाएं:
अस्पताल से पूरी मेडिकल रिपोर्ट, भर्ती से जुड़े दस्तावेज़ और डॉक्टर के नोट्स की प्रतिलिपि प्राप्त करें।
यदि संभव हो तो CCTV फुटेज की मांग करें, जिससे साबित हो सके कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही की।
सबूत इकट्ठा करें:
यदि आपने डॉक्टर की बातचीत रिकॉर्ड की है या उनके द्वारा किए गए व्यवहार के गवाह मौजूद हैं, तो उन्हें संभाल कर रखें।
किसी गवाह (जैसे परिवार के सदस्य या दोस्त) से लिखित बयान प्राप्त करें।
किसी वकील से परामर्श लें:
एक अनुभवी वकील, जो चिकित्सा लापरवाही के मामलों में विशेषज्ञ हो, से तुरंत संपर्क करें।
वकील आपको उचित कानूनी कार्रवाई जैसे पुलिस में शिकायत, उपभोक्ता कोर्ट या सिविल कोर्ट में केस दाखिल करने में मदद करेगा।
पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं:
यदि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीज़ को नुकसान पहुंचा है, तो आप स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
पुलिस मेडिकल लापरवाही के तहत IPC की धारा 304A (लापरवाही के कारण मौत) या अन्य संबंधित धाराओं के तहत जांच कर सकती है।
उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करें:
यदि आपको उचित सेवा नहीं मिली, तो आप उपभोक्ता अदालत में केस कर सकते हैं और मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
यह केस जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (District Consumer Forum) में दायर किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग से शिकायत करें:
राज्य के स्वास्थ्य विभाग या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत दर्ज कराएं।
वे अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं और डॉक्टर की लापरवाही की जांच करेंगे।
ध्यान दें:
लापरवाही के मामलों में सही दस्तावेज़ और सबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है।
एक वकील आपकी मदद कर सकता है कि आपको कानूनी मुआवजा कैसे मिले।
आपको जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि चिकित्सा मामलों में देरी होने पर सबूत कमजोर हो सकते हैं।
आपके परिवार और मरीज़ के लिए न्याय प्राप्त करने का यह सही तरीका होगा।
Smith
December 16, 2024
To
Managing Director and CEO
M. M. College of Medical Sciences & Research
Ambala Chandigarh Highway
Sadopur, Ambala- 134007. India
And
To Whom It May Concern
[DELIVERED VIA EMAIL]
Subject: Abusive and incompetent gastroentologist in endoscopy unit (level 5) of M. M. College of Medical Sciences, Sadopur, Ambala.
(1)
On Monday 16 December 2024, we attended Endoscopy unit (on level 5) of M. M. College of Medical Sciences & Research, Ambala Chandigarh highway, Sadopur, Ambala- 134007, India.
(2)
We were asked to meet with a gastroentologist, who Refused to provide any name, nor business- card (I. E. No professional accountability, No unique identifier, herein referred to as “AG” – Abusive Gastroentologist).
(3)
AG was verbally abusive, continued to repeated interrupt us (inspite of our repeated, polite requests to him to Cease and Desist from doing so) when we endeavored to answer his asked questions.
(4)
AG provided us an incorrect diagnosis, and was incompetent.
AG was publicly yelling at us, and evidenced poor communication skills, an unprofessional , belligerent, and bad attitude; ineffective listening skills.
(5)
AG was disrespectful to elderly patients, and acted as though he was doing us a favor by taking our money (given that we paid for medical services).
(6)
His signature appeared to be :
”
” [SIC]
(7)
We were not provided any diagnosis, nor satisfactory services (for our payment), nor any satisfactory medical treatment.
(8)
This doctor appeared to be incompetent, and rushing through patients with a single goal of billing patients to make money, without providing any satisfactory treatment.
(9)
On a Balance of Probability, it is very likely that there may be other Vulnerable Victims of such Unwarranted Harassment, Abuse of power, and unprofessional services from this doctor and establishment.