If you face any grievance or you have a complaint regarding the education of a child, you can approach the following authorities:
Students/Parents/Any person
Any person, including parents, can file a complaint with:
Local Authorities
Complaints can be made to Gram Panchayat or the Block Education Officer. The Block Education officer is in charge of the education of students within their block and also supervises the functioning of the schools.
National/State Commission for Protection of Child Rights
The National and State Commission for Protection of Child Rights works for the protection of all children in the 0 to 18 years age group. Their work includes addressing children in backward or vulnerable communities. If you have any grievances, you can complain not only to the National Commission but also to the commissions set up in each state. Any person aggrieved by the decision of the local authority can file an appeal1 to the State Commission for Protection for Child Rights in case of grievances. The helpline numbers and email ids differ from state to state but can be found on their website.
Some immediate ways you can complain to the National Commission are:
Online
The government has an online complaint system where you can file your complaint.
Via Phone:
You can contact the following numbers:
- National Commission for Protection of Child Rights- 9868235077
- Childline India (Childline is a helpline for offences committed against children)- 1098
Via Email:
You can send an email to the National Commission for Protection of Child Rights: pocsoebox-ncpcr@gov.in
Via Post/Letter/Messenger:
You can write to the National Commission for Protection of Child Rights with your complaint or send a messenger to this address:
NATIONAL COMMISSION FOR PROTECTION OF CHILD RIGHTS (NCPCR)
5th Floor, Chandralok Building 36, Janpath,
New Delhi-110001 India.
Courts
Complaints can also be taken to court since the Right to Education is a fundamental right for children. You should take the help of a lawyer for this.
- Section 32(3), The Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009. [↩]
Manish
July 20, 2022
My wife is not sending the children to school.Where can I complaint against her?
Nyaaya
August 12, 2022
First of all we have to see that what are the factors that are not allowing that person to not educate his/her chid.
1. It can be the poor economic condition of the person to be unable to afford to educate his child .
For that, If she is having the poor economic condition then tell her that the government schools has very less amount of fees. There are schemes by Govt to help economically like the MIDDAY MEAL SCHEME , the child will get 1 time food along with the education(which is very much important to survive in todays world).
It is obligatory for the Government to provide free and compulsory elementary education to each and every child, in a neighbourhood school No child is liable to pay fees or any other charges that may prevent him or her from pursuing and completing elementary education. Free education also includes the provisions of textbooks, uniforms, stationery items and special educational material for children with disabilities in order to reduce the burden of school expenses.
2. if it is just her mentality to not send the child to school, then tell her that if today she will not educate his child then he will have to work at her old age too. So it would be good for her and the family to educate the child.
Do some counsellings with her and the child.
Let her know that law provides for free and compulsory education for all children aged 6 to 14 years.
Although their are no penal provisions against parents who do not send thier children to school, since the maximum number of children who do not attend school are children from weaker sections and disadvantaged groups. Penalising their parents would be result to penalizing poverty and deprivation. But the law in India casts a moral responsibility on every parent/guardian to admit their children/wards to school, and ensure that children are not deprived of their right to elementary education.
– Thus, you cannot legally compel the labourer for sending his daughter to school.
But you can certainly try these steps:
1. Make her understand the importance of education, especially of girls
2. Approach NGOs nearby for taking things in their own hand.
NGOs like:- eVidyaloka ( https://fundraisers.giveindia.org/nonprofits/evidyaloka-trust )
– Aarti for Girls ( https://www.giveindia.org/nonprofit/aarti-for-girls )
– Vidya Poshak ( https://fundraisers.giveindia.org/nonprofits/vidya-poshak )
3. If she is coercive in nature and threatens the girl, you can approach the police authorities.
4. You can approach the District Authorities, especially District Magistrate and he will surely bring out some workable alternative. Since, lapse is also deemed on the part of Local authorities if a child is denied early education.
5. You can club article 21A with Article 23 to compel the mother for recognising his daughter’s right to education & right against exploitation.
Mrs Jha
July 22, 2023
My maid has 4 daughters, she doesn’t send any of them to school. Ages 7 to 14. Her husband is a drunker and doesn’t allow them , and beats her up every now and then. She had complained to police also but he comes back. She sends her eldest daughter of around 14 or less for work too , and that money too her husband takes . Whom should I contact in Noida ?
Ameer
June 12, 2024
पति-पत्नी झगड़ा में पत्नी बच्चों को स्कूल नहीं भेज रही जबकि। पति बच्चों का स्कूल का खर्च देने को तैयार।पत्नी पक्ष पर हत्या और और कुकर्म का केस चल रहा है तलाक भी नहीं देती और साथ भी नहीं रहती और करने और करने की धमकी देती है मेरी जानकारी गुप्त रखे जाएं क्योंकि मैं पत्नि पक्ष की नजरों में नहीं आना चाहता में नहीं आना चाहता यह घटना गांव चित्तौड़ा की है बच्चों का नाम अयाज़ और रुहान है पिता का नाम मौ अब्बास कृपा करके बच्चो की मदद कि जाए
Mohammed imran
July 24, 2024
Mere do ladke government high secondary school mein admission hue hain ek six class ek seventh class unko dress uplabdh nahin karvai ja rahi hai abhibhavak ko bacchon dwara kaha gaya hai ki dress bahar se lekar aaen bahar se dress laane mein me saksham nahin hun kripya meri samasya ka Samadhan bataiye
अजय सिसोदिया
September 18, 2024
मेरे बच्चों की उम्र 8 से 10 साल है जिनका जन्म घर पर हुआ था जिस वजह से उनके जन्म का किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं है स्कूल में एडमिशन कराने पर स्कूल वाले उनका जन्म प्रमाण पत्र मांगते हैं नहीं उनका आधार कार्ड बन रहा है और मैं उन्हें स्कूल भेजना चाहता हूं क्या करूं
अजय सिसोदिया
September 18, 2024
मेरे तीन बच्चे हैं जिनकी उम्र 8 से 10 साल है उनका जन्म घर पर हुआ जिसकी वजह से उनका कोई भी सरकारी जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है मेरे गांव के सरकारी स्कूल में उनका एडमिशन करवाने पर उनके जन्म प्रमाण पत्र की मांग की गई है जिसके बिना उन्हें एडमिशन नहीं दिया जा रहा है और ना ही उनका आधार कार्ड बन पा रहा है लेकिन मैं उन्हें स्कूल भेजना चाहता हूं इस बारे में मेरी क्या सहायता कर सकते हैं आप
Sikha
November 8, 2024
स्कूल प्रवेश और आधार कार्ड के लिए जन्म प्रमाण पत्र की अनुपस्थिति: चूंकि बच्चों का जन्म घर पर हुआ था और उनके पास आधिकारिक जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, आप कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से इसे प्राप्त कर सकते हैं।
स्थानीय ग्राम पंचायत या नगरपालिका से संपर्क करें: वे विलंबित जन्म प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक हलफनामा और अन्य दस्तावेज (जैसे टीकाकरण रिकॉर्ड, धार्मिक समारोह के प्रमाण या चिकित्सा रिकॉर्ड) प्रदान करने होंगे।
नोटरी से हलफनामा: एक नोटरी से जन्म के विवरण (तारीख, स्थान, माता-पिता के नाम) का उल्लेख करते हुए एक हलफनामा प्राप्त करें।
जन्म प्रमाण पत्र के बिना स्कूल प्रवेश: स्कूल के प्रधानाचार्य या जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करें और स्थिति को समझाएं। वे जन्म प्रमाण पत्र की प्रक्रिया के दौरान अस्थायी प्रवेश की अनुमति दे सकते हैं।
आधार पंजीकरण: जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, आप बच्चों के लिए आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसी भी आधार पंजीकरण केंद्र पर जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के आधार के साथ पहचान सत्यापन के लिए जा सकते हैं।
मुकेश कुमार मीणा
December 2, 2022
मेरे निवास स्थान से नजदीक केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन किया था । केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने उसमे प्रवेश न देकर , बिना आवेदन के दूसरे केन्द्रीय विद्यालय जो की निवास स्थान से बहुत दूर है , में प्रवेश दिया है । क्या पास के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करना बच्चो का अधिकार नहीं है । इसमें में क्या कानूनी कार्यवाही केन्द्रीय विद्यालय संगठन के खिलाफ कर सकता हु ।
Nyaaya
December 8, 2022
सबसे पहले मैं आपको एक केंद्रीय विद्यालय से दूसरे केंद्रीय विद्यालय में छात्र के स्थानांतरण से जुड़े आधिकारिक नियमों को जैसा का तैसा बता देता हूं । इसके बाद मैं एक एक करके आपको सारे नियमों के बारे में विस्तार से समझाऊंगा ।
Rule 1. यदि माता-पिता को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन में स्थानांतरित किया गया है तो केवी टीसी वाले बच्चों का प्रवेश स्वचालित (कक्षा की संख्या से अधिक) होगा । जब वर्ग संख्या 55 तक पहुँच जाए, तो अतिरिक्त अनुभाग खोलने के प्रयास शुरू किए जाने चाहिए ।
Rule 2. रक्षा कर्मी और अर्ध-सैन्य बल, जो अपने परिवारों को अपनी पसंद के किसी स्टेशन में स्थानांतरित करते हैं, जब भी उन्हें कुछ गैर-पारिवारिक क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाता है या नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाता है, वे अपने बच्चों को केवी टीसी पर स्टेशन पर स्थित एक केवी में प्रवेश दे सकते हैं जहां वे अपना परिवार रखेंगे ।
Rule 3. अन्य सभी मामलों में जहां माता-पिता का स्थानांतरण शामिल नहीं है, केवी टीसी के साथ प्रवेश संबंधित क्षेत्र के उपायुक्त के पूर्व अनुमोदन से ही किया जाएगा ।
Rule 4. केवी टीसी पर स्थानीय स्थानांतरण के सभी मामले संबंधित डीसी के अनुमोदन से मेरिट के आधार पर किए जाएंगे ।
Rule 5. केवी टीसी वाले छात्र को भी परियोजना केवी में अध्यक्ष, वीएमसी की पूर्व सहमति से केवल 45 की कक्षा तक की अनुमति दी जा सकती है । इसके अलावा परियोजना विद्यालयों में केवी टीसी पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा । हालांकि, क्षेत्र के उपायुक्त को अत्यंत योग्य मामलों में परियोजना/निकटतम केवी में प्रवेश की अनुमति देने का अधिकार है ।
एक केवी से दूसरे केवी ट्रांसफर कैसे कराएं ?
सबसे पहले आपको ऊपर दिए सभी KV School Transfer Rules पढ़ लेने चाहिए । अगर आप दिए गए नियमों में से किसी एक भी नियम के अंतर्गत खुद को पाते हैं तो आप अपने बच्चे का ट्रांसफर एक केंद्रीय विद्यालय से दूसरे केंद्रीय विद्यालय में करा सकते हैं । इसकी प्रक्रिया निम्नलिखित है:
सबसे पहले आपको एक एप्लीकेशन लिखना चाहिए और अपनी परिस्थिति से स्कूल प्रिंसिपल को अवगत कराते हुए बताना चाहिए कि आप अपने बेटे/बेटी का ट्रांसफर एक केवी स्कूल से दूसरे केवी स्कूल कराना चाहते हैं । कोशिश करें एप्लीकेशन में जरूरी सभी जानकारियां दें जैसे बच्चे का नाम, कक्षा, रोल नंबर । साथ ही यह भी लिखें कि आप क्यों ट्रांसफर कराना चाहते हैं, आप किस केवी स्कूल में Student Transfer कराना चाहते हैं आदि ।
एप्लीकेशन को प्रिंसिपल ऑफिस जमा कर दें । अगर आपका ट्रांसफर किसी एक जगह से दूसरी जगह पर हुआ है तो वह ट्रांसफर ऑर्डर जरूर एप्लीकेशन के साथ अटैच करें । अगर स्कूल के प्रिंसिपल ऑफिस को लगेगा कि आपका एप्लीकेशन मानने योग्य है और आप केवी संगठन के नियमों के मुताबिक अपने बच्चे का ट्रांसफर करवाने के लिए पात्र हैं तो आपको एक फॉर्म दिया जायेगा ।
यह फॉर्म आपको बड़ी ही सावधानी से भरना है और मांगी गई सभी जानकारियां एकदम सही सही भरनी होंगी । इस फॉर्म की आवश्यकता भविष्य में कई कारणों से पड़ सकती है तो फॉर्म बिल्कुल सही सही भरें । फॉर्म भरकर आप स्कूल के प्रिंसिपल ऑफिस जमा करवा सकते हैं जिसके बाद आपको ट्रांसफर का एक रिसिट दिया जायेगा । आप स्कूल से अपने बच्चे का TC यानि ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्राप्त कर लें ।
अब अंत में आपको उस केंद्रीय विद्यालय स्कूल जाना है जहां आप अपने बच्चे का ट्रांसफर करवाना चाहते हैं । उस स्कूल के प्रिंसिपल ऑफिस में जाकर आप ट्रांसफर सर्टिफिकेट और ट्रांसफर रिसीट जमा करें । इसके बाद आपके बच्चे का एडमिशन उस स्कूल में हो जायेगा जहां आपका ट्रांसफर हुआ है । ट्रांसफर करवाने का जो भी कारण हो, उसे साफ साफ एप्लीकेशन में लिखें और अगर प्रिंसिपल ऑफिस आपको No Objection Certificate दे देता है तो आप आसानी से Student Transfer करवा सकते हैं ।
rajnandeni jatav
December 18, 2023
Sar Mere bacche school se kapde dress Nahin Mili Hai Na hi pahle Mili thi na abhi mili hai batao sar kya karna hai thank u
Sikha
October 23, 2024
Right to Education (RTE) Act, 2009: Section 3 ke tehat, 6-14 saal ke bachon ko free aur compulsory education ka adhikaar hai. Agar school government ya government-aided hai, toh school par yeh zimmedaari hoti hai ki wo uniform jaise resources bachon ko uplabdh karaye.
State Education Rules: Kai rajyo mein school uniform ke liye specific rules hain, jo government-aided schools par lagu hote hain. Kuch rajya ke orders ke mutabiq, school ko certain classes ya economically weaker sections ke students ko free ya subsidized rate par uniforms deni hoti hai.
Consumer Protection Act, 2019: Agar school private hai aur aapne uniform ke liye fees di hai, lekin school ne uniform provide nahi kiya, toh yeh “deficiency of service” ke under aata hai. Iska case aap Consumer Protection Act ke tahat file kar sakte hain.
Aap Kya Kar Sakte Hain
– School Authorities ko Contact Karein: Sabse pehle aap school management ko likhit roop mein issue bata ke explanation ya solution ki maang karein.
– RTE Complaint: Agar school government ya government-aided hai, toh aap District Education Officer (DEO) ya local education authorities ke saamne complaint file kar sakte hain.
– Consumer Court: Agar school private hai aur aapne uniform ke liye paisa diya hai par uniform nahi mili, toh aap consumer court mein “deficiency of service” ka case file kar sakte hain.
Helpline Number-
National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) Helpline:
Phone: 1800-121-2830 (Toll-Free)
Directorate of Education (DOE), Delhi:
Helpline: 1800-116-002 (Toll-Free)
Samagra Shiksha (for grievances under the Right to Education Act):
Helpline: 14417
Link- http://www.edudel.nic.in/
arvind kumar
June 8, 2023
पती पत्नी अलग रहते है वच्चे को पत्नी स्कूल नही भेजना चाहती है पिता कोर्ट की शरण मे जा सकता है
Sikha
November 8, 2024
हाँ, यदि पती पत्नी अलग रहते हैं और पत्नी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहती है, तो पती कोर्ट की शरण ले सकते हैं। भारतीय कानून के तहत, बच्चे की शिक्षा एक महत्वपूर्ण अधिकार है और इसके लिए कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की जा सकती है।
एक विशेषज्ञ वकील से संपर्क करें जो पारिवारिक कानून में विशेषज्ञता रखते हों। वे आपकी स्थिति को समझने में मदद करेंगे और आपको उचित कानूनी सलाह देंगे। यदि पिता को बच्चे की शिक्षा और देखभाल में योगदान करने की इच्छा है, तो वह परिवार कोर्ट में कस्टडी या विजिटेशन अधिकारों के लिए याचिका दाखिल कर सकते हैं। अदालत में यह साबित करना आवश्यक होगा कि बच्चे की शिक्षा के लिए स्कूल जाना अनिवार्य है और वर्तमान स्थिति में बच्चे को नुकसान हो रहा है। इसके लिए स्कूल के रिपोर्ट कार्ड, शिक्षकों की गवाही, या अन्य संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि अदालत आपके पक्ष में निर्णय लेती है, तो वह आदेश जारी करेगी कि बच्चे को स्कूल भेजा जाए। इस आदेश का पालन न करने पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
Gautam
August 11, 2023
My child is 4 year old…He is in Jr.kg in private school..First school told us that your child is not normal kindly start his therapy and take a break so we have started already since last 1.5 months after that whenever we sent our child to this preschool we are receiving a call from school that your child is uncontrollable kindly take him to home…and they are showing some mobile videos which is taken by teacher…They are not try to make him understand..they are forcing us to change school since thir teachers are not able to handle him…is this true can school remove 4 year child….
Savina
September 27, 2023
मेरी बेटी 12 साल की है। उसका आईक्यू 82 है। तो उसका udid नहीं बन पा रहा है।लेकिन academically वह किसी भी चीज को सीखने m अन्य बच्चो की तुलना m बहुत ज्यादा टाइम लेती है। क्या किया जाए?
Surendr yogi
September 30, 2023
Ek Amir admi khud ke bchche ko srkar ki trf se free shiksa dila rha he jhut bolkr ki me ek greeb hu iski shikayat kaha kre
Archita Soni
July 27, 2024
Hamare gaon mein ek prathmik vidyalay hai Jahan ki principal ne meri bahan ko admission nahin kiya Aaj 2 mahine Ho Gaye Hain ham kaise shikayat kar sakte hain
Sikha
October 23, 2024
Hum samajhte hain ki aapko apki behen ke primary school mein admission na milne ki chinta hai. Agar school ka selection process fair, transparent aur rules ke according tha, toh shayad complain karna safal na ho. Lekin agar aapko lagta hai ki selection process unfair tha ya aapke bachche ke rights violate kiye gaye hain, toh kai tareeke hain jinke zariye aap apna grievance file kar sakte hain aur nyay prapt kar sakte hain.
Local Authorities
Pehla step hoga ki aap Gram Panchayat ya Block Education Officer se sampark karein. Block Education Officer zimmedar hote hain apne block mein bachchon ki shiksha aur school ke sahi kaam kaaj ka dhyaan rakhne ke liye. Agar aapko lagta hai ki admission ka inkaar galat tha, toh aap unke paas complaint file kar sakte hain.
National/State Commission for Protection of Child Rights (NCPCR/SCPCR)
Agar aapko local authorities ke response se santosh nahi hai, toh aap National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) ya State Commission for Protection of Child Rights (SCPCR) ke paas apna grievance lekar ja sakte hain. Ye commissions bachchon ke adhikaron ki raksha karte hain, jisme unka shiksha ka haq bhi shaamil hai. Ye school admissions aur shiksha se judi samasyaon ka hal nikalne ke liye mechanism rakhte hain.
Aap NCPCR mein apni complaint in tareekon se kar sakte hain:
Online: Sarkar ke official complaint portal par jaakar complaint file karein: http://ncpcr.gov.in.
Phone: NCPCR ko 9868235077 par call karein ya Childline India se 1098 par sampark karein.
Email: Apne concerns ko email ke zariye bhejein: pocsoebox-ncpcr@gov.in.
Postal Service: Aap apni complaint ko is address par bhi bhej sakte hain:
NCPCR, 5th Floor, Chandralok Building, 36 Janpath, New Delhi – 110001.
Legal Recourse
Agar aapka grievance ab tak resolve nahi hota hai, toh aap legal action bhi le sakte hain kyunki Right to Education (RTE) Bharat ke Samvidhan ke tahat ek fundamental right hai. Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 ke Section 32(3) ke tahat, koi bhi vyakti jo school admission se sambandhit decision se naraaz hai, appeal kar sakta hai. Aapko iske liye ek lawyer ki madad leni ho sakti hai taaki aapke bachche ke rights ko surakshit kiya ja sake.
Hum asha karte hain ki yeh jankari aapko agle kadam uthane mein madad karegi, parantu yeh antim jawaab nhi h. Sabse sateek jawab k lia kisi vakeel ki salah le.
Archita Soni
July 27, 2024
Mere gaon mein ek prathmik vidyalay hai Jahan ki principal meri bahan ko admission nahin kiya do mahine Ho Gaye Hain meri bahan meri bahan ka naam Archita Soni hai gaon mein top bajar hai post sabarpur
hai jila Gonda tahsil mankapur block chhapiya hai
नन्दन कुमार
August 31, 2024
हमारे गांव में एक मध्य विद्यालय है जहां की प्रिंसिपल ने मेरी बहन को एडमिशन नहीं दिया आज 2 महीने हो गए हैं और ज्यादा बोलने पर स्कूल के बाहर निकाल दिया जाता है यहा सचिव और कुछ बड़े लोग मिले हुवे है और वे नही चाहते की गरिब के बचे का नाम लिखा जाए
Khushi
October 15, 2024
Mera naam khushi hai main yek bhai aur do bahen hai meri maa 2019 ko hi chor ke chali gayi aur mere pita ne dusri shadi kar khush hai aur mere pita hum 3 bachche ko pasand nahi karta mere bhai ko bahane se padai churwa kar kaam per lagra diya aur uske saare paise rakh leta hai aab meri padai churana chahta hai per main padai chorna nahi chahti hu per mere pita padai ke paise, kapde, roti pani, ghar se nikalne ki dhamki, aur jaan se mar kar jalane ki dhamki de raha hai iski dusri biwi hamare sath durwehwar karti hai mere yaha ke guhandi of bhi madadat nahi karte hai main kisse madad lu please koi mamara sath do😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
गुप्ता विशी
October 25, 2024
मेरे बच्चे को स्कूल में छोटी-छोटी बातों को लेकर प्रस्तावित किया जा रहा है उसके हेयर कटिंग को लेकर अगर कोई एक्टिविटी टीचर ने दी है और किसी कारण से वह घर पर ही भूल गया तो उसको मारा जाता है उसके लिए मैं प्रिंसिपल से शिकायत की तो उन्होंने मुझे ही उल्टी शब्द का कर भगा दिया मुझे कहां पर शिकायत करनी चाहिए जिससे की प्रिंसिपल और वह टीचर जो मेरे बच्चे को बार-बार प्रताड़ित कर रहे हैं उनको दंड मिले