This post is also available in: English (अंग्रेजी)
निम्नलिखित स्थितियों को छोड़कर एक अधिवक्ता अपने परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व कर सकता है:
एक अधिवक्ता ऐसे किसी भी मामले में प्रतिनिधित्व नहीं करेगा, जिसमें मामले के परिणाम उसे आर्थिक रूप से लाभान्वित करते हों। उदाहरण के लिए, एक अधिवक्ता संयुक्त परिवार की संपत्ति के विभाजन के मामले में उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है,जिसमें अधिवक्ता का हिस्सा है।
एक अधिवक्ता उस मामले में पेश नहीं हो सकता है जिसमें वह उस मामले का या तो एक गवाह है या हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक अधिवक्ता उस मामले में उपस्थित नहीं हो सकता है, जिसमें उसके परिवार का किसी सदस्य पर, परिवार के किसी दूसरे सदस्य को मार कर चोट पहुंचाने का आरोप है।
एक अधिवक्ता उस अदालत में प्रैक्टिस नहीं करेगा, जहां के न्यायाधीश से उसका पिता, दादा, बेटे, पोते, चाचा, भाई, भतीजे, चचेरे भाई, पति, पत्नी, मां, बेटी, बहन, चाची, भतीजी, ससुर, सास, दामाद, देवर, बहू या भाभी के रूप का संबंध है।
इन मानकों का पालन करने में विफल होने के परिणामस्वरूप अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
Please login or Register to submit your answer