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नर्सों पर मरीजों की स्थिति की निगरानी करने और नियमित अंतराल पर दवाएं देने की जिम्मेदारी रहती है। वे डॉक्टरों की सहायता करती हैं और ऑपरेशन थिएटरों और नैदानिक प्रयोगशालाओं में चिकित्सा उपकरणों को लगाने में मदद करती हैं। वे मरीजों की उनकी चिकित्सा स्थिति बताने में डॉक्टरों की सहायता भी करती हैं। वर्तमान में, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम (नेशनल मेडिकल कमीशन ऐक्ट) 2019 के तहत, नर्सों को प्राथमिक और निवारक स्वास्थ्य सेवा के लिये दी जाने वाली दवाओं को स्वतंत्र रूप से लिखने का अधिकार है। प्राथमिक और निवारक स्वास्थ्य सेवा के अलावे अन्य मामलों में, वे केवल डॉक्टरों की देखरेख में ही दवाएं लिख सकती हैं।
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