भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 377 का उपयोग 18 वर्ष से अधिक उम्र के समान लिंग के वयस्कों के बीच संभोग करने वाले को दंडित करने के लिए किया जाता था। इसका प्रयोग आज भी जानवरों के साथ संभोग करने वाले व्यक्तियों को दंडित करने के लिए किया जाता है, जिसे ‘बीस्टेलिटी’ (किसी जानवर के साथ संभोग) भी कहा जाता है। सन् 2018 के बाद, कोर्ट ने माना है कि समान लिंग के व्यक्तियों के बीच संभोग और यौन संबंध कोई आपराधिक कृत्य नहीं है। आपको इस कानून के तहत आपसी सहमति से संभोग करने या यौन संबंधों को रखने के लिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अब आप यह चुन सकते हैं कि आप किस लिंग के व्यक्ति के साथ रहना चाहते हैं।
‘बीस्टेलिटी’ (किसी जानवर के साथ संभोग) अभी भी कानूनन एक अपराध है इसके लिए आजीवन कारावास या 10 साल तक की जेल की सजा के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
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