LGBTQ + व्यक्तियों का बलात्कार

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

जब कोई पुरुष आपकी सहमति के बिना आपके साथ सेक्स करता है, तो इसे कानूनन बलात्कार माना जाता है।

वर्तमान कानून के तहत, केवल महिलाएं या पारमहिलाएं (ट्रांसवुमेन) ही बलात्कार या यौन हिंसा का शिकार हो सकती हैं, और सिर्फ पुरुष के खिलाफ ही इस शिकायत को दर्ज किया जा सकता है।

यदि आप एक ऐसे पुरुष / पारपुरुष (ट्रांसमैन) हैं, जिसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया हो तो आप, आप पर हुए इस तरह के बलात्कार या अन्य यौन हिंसा के प्रति, शिकायत दर्ज नहीं करा पाएंगे। इसके बजाए आप एक विकल्प के तौर पर सिर्फ यह शिकायत दर्ज करा सकते हैं कि आपको चोट पहुंचाया गया है, या आपको घायल किया गया है।

बलात्कार और सामूहिक बलात्कार

यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, जिसने आपका बलात्कार किया है, तो आपको भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 375/376 के अंतर्गत पुलिस को प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करानी होगी।

यदि बलात्कार क्रिया, लोगो के एक समूह द्वारा किया गया है, तो उनमें से प्रत्येक को सामूहिक बलात्कार के अपराध करने के लिए दंडित किया जाएगा। आपको भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376D के अंतर्गत प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करानी होगी।

किसी अधिकारी द्वारा बलात्कार करना

अगर किसी पुरुष का, अपनी आधिकारिक शक्ति या पद के कारण किसी महिला पर नियंत्रण है, और वह इस नियंत्रण का दुरूपयोग महिला के साथ यौन संबंध बनाने के लिए करता है, तो इसे कानून के तहत बलात्कार माना जाता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई पुरुष पुलिस अधिकारी, आपको अपनी हिरासत में रखते हुए आपका बलात्कार करता है, तो आप उस अधिकारी के खिलाफ शिकायत कर सकती हैं और प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करा सकती हैं।

ऐसे व्यक्तियों में लोक सेवक, जेल अधिकारीगण या अस्पताल के प्रबंधक आदि लोग शामिल हैं। आपको भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 के अंतर्गत प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज करानी होगी।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप उस व्यक्ति बारे में कुछ नहीं जानती हैं, जिसने आपका बलात्कार किया है। आपको तब भी शिकायत दर्ज करानी चाहिए ताकि पुलिस जांच कर उस अपराधी को पकड़ सके, और आगे उसके ऐसे कारनामों पर रोक लग सके। आप इस तरह की शिकायत, परिवार के किसी सदस्य, शिक्षक आदि के खिलाफ भी दर्ज करा सकती हैं, जिसने भी आपके साथ बलात्कार किया हो। आप किसी और को भी अपनी ओर से प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज कराने का अनुरोध कर सकती हैं। यदि पुलिस आपकी प्राथिमिकी (एफआईआर) दर्ज नहीं करती है, तो आप जो वैकल्पिक कदम उठा सकती हैं उसे समझने के लिए इसे पढ़ें

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