• English (अंग्रेजी)
  • हिन्दी
  
NyaayaNyaayaNyaayaNyaaya
  • श्रेणियाँ
    • भेदभाव
      • लिंग पहचान और यौन अभिविन्यास (सेक्शुअल ओरिएंटेशन) के चलते हिंसा की संभावनाएं
      • LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए हेल्थकेयर
      • एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए पहचान प्रमाण पत्र
    • स्वास्थ्य और पर्यावरण
      • कोविड 19 / कोरोना वायरस
      • धूम्रपान
    • धन और संपत्ति
      • वसीयत
      • किराया
    • परिवार
      • माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल
    • पुलिस और न्यायालय
      • गिरफ्तारी
      • प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर)
      • जमानत
    • विवाह और तलाक
      • अंतर-धार्मिक विवाह
      • हिंदू विवाह
    • सरकार और राजनीति
      • पहचान प्रमाण
      • चुनाव से 48 घंटे पहले
      • राज – द्रोह
      • सूचना का अधिकार
    • हिंसा और दुर्व्यवहार
      • घरेलु हिंसा
      • ऑनलाइन दुरुपयोग
      • बच्चों का यौन शोषण
      • रैगिंग
    • काम और रोजगार
      • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न
      • बाल श्रम
      • रोजगार अनुबंध
      • व्यावसायिक नैतिकता
  • संसाधन
    • गाइड
    • वीडियो
  • आस्क न्याया

category

Home Archive by category "विवाह और तलाक"

विवाह अधिकारी कौन होता है?

By Nyaaya | अंतर-धार्मिक विवाह, विवाह और तलाक | 0 comment | 14 जनवरी, 2021 | 1

विवाह अधिकारी वह व्यक्ति होता है, जिसे राज्य सरकार द्वारा सरकारी राजपत्र में अधिसूचना देने के बाद नियुक्त किया जाता है। विवाह अधिकारी का मुख्य कर्तव्य पंजीकरण की सुविधा और पार्टियों को विवाह का प्रमाण पत्र प्रदान करना है। Read more

अधिनियम के तहत अंतर-धार्मिक विवाह के पंजीकरण की प्रक्रिया

By Nyaaya | अंतर-धार्मिक विवाह, विवाह और तलाक | 0 comment | 14 जनवरी, 2021 | 2

विशेष विवाह के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया इस प्रकार है:  विवाह अधिकारी को नोटिस देना  जब भी इस कानून के तहत विवाह किया जाता है, तो विवाह करने वाले दम्पत्ति उस जिले के विवाह अधिकारी को लिखित रूप में नोटिस देंगे। दम्पत्ति में से कम से कम एक व्यक्ति का नोटिस की तारीख से पहलेRead more

अंतर-धार्मिक विवाह के लिए शर्तें

By Nyaaya | अंतर-धार्मिक विवाह, विवाह और तलाक | 0 comment | 14 जनवरी, 2021 | 2

शादी के समय आपको निम्नलिखित परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा:  दम्पति में से कोई भी व्यक्ति पहले से शादी-शुदा न हो। दम्पति में से कोई भी व्यक्ति: के मन में किसी भी प्रकार की बेरुखी नहीं होनी चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप विवाह को वैध सहमति देने में असमर्थता पैदा हो। हालांकि, वैध सहमति देने में सक्षम होने केRead more

अंतर-धार्मिक विवाह की घोषणा करना

By Nyaaya | अंतर-धार्मिक विवाह, विवाह और तलाक | 0 comment | 14 जनवरी, 2021 | 1

विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए कोई विशिष्ट रूप या आवश्यक समारोह निर्धारित नहीं है, लेकिन दो संभावनाएं हैं:  जब आप और आपके जीवनसाथी धार्मिक समारोह नहीं चाहते हैं  दम्पति किसी भी धार्मिक समारोह को नहीं करने और विवाह अधिकारी के समक्ष अपनी शादी को पंजीकृत करने का विकल्प चुन सकते हैं। आपRead more

‘विशेष विवाह’ या अंतर-धार्मिक विवाह क्या है

By Nyaaya | अंतर-धार्मिक विवाह, विवाह और तलाक | 0 comment | 14 जनवरी, 2021 | 0

नागरिक विवाह, जिन्हें आमतौर पर ‘विशेष विवाह’ या ‘अंतर-धार्मिक विवाह’ भी कहा जाता है, दम्पति के धर्म पर निर्भर नहीं करते हैं। इसके बजाए, विवाह, विशेष विवाह अधिनियम के तहत होता है, जिसके तहत अलग-अलग धर्म का पालन करने वाले जोड़े को भारत में शादी करने का अधिकार है।  इस कानून के तहत शादी करनेRead more

रिश्ते की स्थिति और हिंदू विवाह कानून

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

विवाह के समय, आपका जीवन साथी ऐसा नहीं होना चाहिए जिसने अपनी पिछली जीवन साथी को तलाक नहीं दिया है। इसका मतलब है कि यदि आप तलाकशुदा हैं तो आप दुबारा तब शादी कर सकते हैं जब आपका तलाक सभी तरीकों से पूर्ण हो गया हो। विवाह के समय किसी भी पक्ष का जीवन साथीRead more

हिंदू विवाह और मानसिक रोग

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 1

  कानून कहता है कि मानसिक रोग वाले व्यक्ति में आमतौर पर वैध कानूनी विवाह करने की क्षमता नहीं होती है। जो व्यक्ति शादी करने की योजना बना रहा है, उसे वैध सहमति देने के लिए सक्षम होना चाहिए। यदि आप निम्नलिखित कारणों से सहमति देने में अक्षम हैं: दिमाग की अस्वस्थता या; मानसिक विकारRead more

हिंदू विवाह कानून के अंतर्गत निषेध रिश्ते

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

यदि जीवन साथी निषेध रिश्ते की सीमाओं में आते हैं, तब उनका विवाह वैध विवाह नहीं होगा। निषेध शादियों के प्रकार निम्नलिखित हैं: यदि एक जीवन साथी दूसरे का वंशागत पूर्वपुरुष है। वंशागत पूर्वपुरुष में पिता, माता, दादा और दादी के साथ-साथ परदादा और परदादी आदि भी शामिल हैं। यदि एक जीवन साथी किसी वंशागतRead more

हिंदू विवाह के लिए कम से कम आयु

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

कानून की नजर में हिंदू विवाह को वैध मानने के लिए, शादी के समय दुल्हे की आयु 21 वर्ष से ज्यादा और दुल्हन की आयु 18 वर्ष से ज्यादा हो जानी चाहिए। इस शर्त को पूरा ना करने की सजा सामान्य कारावास है जिसे पंद्रह दिनों तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना है जिसेRead more

कानूनी हिंदू विवाह

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

किसी शादी को हिंदू विवाह के रूप में कानूनी मान्यता देने के लिए, निम्नलिखित शर्तें जरूर पूरी की जानी चाहिएः कानून की नजर में दंपति को हिंदू होना चाहिए। विवाह करते समय पति की आयु 21 वर्ष और पत्नी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। पति और पत्नी दोनों स्वस्थ चित्त हों। एकRead more

हिंदू जीवन साथी

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

यदि आप यह देखना चाहते हैं कि क्या आपने अपने ऊपर लागू होने वाले अधिनियम की बुनियादी शर्त को पूरा कर लिया है, तो आपको निम्नलिखित व्यक्तियों के समूह में से एक होना पड़ेगाः कोई भी व्यक्ति जो धर्म से हिंदू हो और वीरशैव, लिंगायत में भी शामिल हो सकता है या ब्रह्म, प्रार्थना, याRead more

हिंदू विवाह कानून के अंतर्गत शून्यकरणीय विवाह

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

हिंदू विवाह अधिनियम के तहत, कुछ परिस्थितियां विवाह को शून्यकरणीय बनाती हैं। यह परिस्थितियां निम्नलिखित हैं: जीवन साथियों में से एक नपुंसक है। यदि विवाह की शर्तें पूरी नहीं की गई हैं। 1978 से पहले, अभिभावक को विवाह करने जा रहे बच्चे की तरफ से सहमति लेनी पड़ती थी। इस प्रथा पर 1978 के बादRead more

अमान्य/निरस्त हिंदू विवाह

By intern_nyaaya | विवाह और तलाक, हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 0

हिंदू विवाह अधिनियम, धारा 11 के तहत कुछ परिस्थितियां बताई गई हैं जब विवाह निरस्त हो जाता है। विवाह जब निरस्त हो जाता है, तो इसका मतलब यह होता है कि इसे बिल्कुल शुरू से ही स्वतः अमान्य विवाह मान लिया गया है और इसे रद्द करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसकी परिस्थितियां निम्नलिखितRead more

हिंदू विवाह का पंजीकरण

By intern_nyaaya | हिंदू विवाह | 0 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 2

हिंदू विवाह अधिनियम, धारा 8 में हिंदू कानून कहता है कि राज्य सरकार विवाहों के पंजीकरण से संबंधित नियम बना सकती है। एक हिंदू मैरिज रजिस्टर है, जिसमें शादियों को दर्ज किया जाता है, लेकिन सिर्फ इस आधार पर कि आपकी शादी इसमें दर्ज नहीं है इसका मतलब यह नहीं है कि आपका विवाह अमान्यRead more

सपिंदा और हिंदू विवाह

By intern_nyaaya | हिंदू विवाह | 1 comment | 17 दिसम्बर, 2019 | 4

सपिंदा रिश्तेदारी या तो पैतृक हो सकती है या फिर मातृक। आप हिंदू विवाह के लिए योग्य नहीं हैं यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह करते हैं जो आपकी माता के परिवार की तरफ से आपसे पिछली तीन पीढ़ियों के अंदर आते हों या आपके पूर्वज समान हों आपके पिता के परिवार की तरफRead more

दहेज

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

दहेज वो मूल्य (नकद और संपत्ति) है जो दुल्हन के परिवार द्वारा विवाह की शर्त के रूप में दूल्हे के परिवार को दिया जाता है। कानून आपको, शादी के दौरान अपने मंगेतर के परिवार के साथ उपहारों के आदान-प्रदान करने से नहीं रोकता है। इस कानून का उद्देश्य, उपहार विनिमय के दौरान किये जाने वालेRead more

दहेज की मांग करना

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

शादी की शर्त के रूप में दुल्हन या दूल्हे से संबंधित किसी भी व्यक्ति से दहेज की मांग करना गैरकानूनी है। यदि आप दहेज की मांग करते हैं तो आपको 6 महीने से 2 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और / या 10,000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।Read more

दहेज़ का लेन-देन

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

दहेज देने या लेने वाला व्यक्ति वह है: जो दहेज देता है, या जो दहेज लेता है, और ऐसा व्यक्ति जो दहेज के विनिमय में मदद करता है ऐसे व्यक्ति को कानून के तहत दंडित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए राज (दूल्हा) और सिमरन (दुल्हन) की शादी हो रही है। सिमरन के पिता,Read more

दहेज की मांग के विरूद्ध शिकायत दर्ज करना

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

इस कानून के तहत शिकायत दर्ज करने की कोई समय सीमा नहीं है। आप शादी के बाद कभी भी दहेज की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। हालाँकि, आप तलाक के बाद यह शिकायत दर्ज नहीं कर सकते। दहेज देना, लेना, मांगना और किसी भी रूप में दहेज प्रथा का विज्ञापन करना अवैध है। यदि आपकोRead more

मेहर और डावर (Dower) दहेज नहीं

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मुस्लिम विवाह के दौरान दिए गए मेहर या डावर की प्रतिज्ञा, दहेज के समान नहीं हैं। मेहर का आदान-प्रदान धार्मिक और रीति-रिवाजों के अनुसार होता है, और यह बिल्कुल कानूनी है।Read more

दहेज देने का समझौता

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

दहेज के आदान-प्रदान के लिए किया गया कोई भी समझौता कानूनन मान्य नहीं है। यदि आपके भावी ससुर या मौजूदा ससुर आपको दहेज देने का वादा करके मुकर जाते हैं, तो आप अदालत में नहीं जा सकते। कानून ऐसे किसी समझौते को मान्यता नहीं देता, और ऐसा मानता है कि इस प्रकार का कोई समझौताRead more

दहेज के लिए किसी प्रकार का विज्ञापन प्रतिबंधित है

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

किसी भी अखबार, पीरियोडिकल, पत्रिका में या किसी अन्य माध्यम से, अपने बेटे, बेटी या रिश्तेदार से शादी करने के बदले में, किसी भी धन या किसी व्यवसाय या संपत्ति का हिस्सा दहेज के रूप में देने की पेशकश का विज्ञापन देना अवैध है। जो भी इस तरह के विज्ञापन को छापेगा, प्रकाशित या प्रसारितRead more

महिलाओं का दहेज पर स्वामित्व का अधिकार

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

यदि आपकी (यानि कि किसी लड़की की) शादी के समय या उसके बाद दहेज दिया गया है या लिया गया है और आपके पति या ससुराल वालों या किसी अन्य व्यक्ति ने इस दहेज को स्वीकार किया है, तो उन्हें, इस डहेज को आपको सौंपना होगा क्योंकि यह आपकी संपत्ति है। आपके पति और उनकेRead more

उपहारों की सूची रखना

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

शादी में स्वेच्छा से वर या वधू द्वारा एक दूसरे को उपहार देना, दंडनीय नहीं है। दुल्हन: जब दुल्हन की ओर से या दुल्हन से संबंधित किसी भी व्यक्ति द्वारा इस तरह के उपहार दिए जाते हैं, तो ऐसे उपहार रिती-रिवाज एवं परंपरा के अनुरूप होने चाहिए। उपहारों का मूल्य अप्रत्याशित रूप से अधिक नहीं होना चाहिए। यदिRead more

अपराध को साबित करना

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

आमतौर पर, आपराधिक कानून में शिकायत करने वाले व्यक्ति को साबित करना होता है कि वे जिस व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं उसने वह अपराध किया है। लेकिन दहेज के मामलों में जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की गइ है, उसे ही यह साबित करना होगा कि वह निर्दोष हैं। उदाहरण के लिए,Read more

आरोपी की जमानत

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 0

इस कानून के तहत सभी अपराध गैर-जमानती अपराध हैं। इसलिए, इस कानून के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को अधिकार के रूप में जमानत नहीं मिल सकती है। हालांकि, जज के विवेक पर जमानत दी जा सकती है।Read more

दहेज की मांग के कारण क्रूरता और उससे मृत्यु

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

भारतीय कानून दहेज की मांग में क्रूरता और उसके परिणामस्वरूप मृत्यु को अपराध मानता है। इस प्रकार के हत्या को ‘दहेज हत्या‘ के रूप में जाना जाता है। अगर पत्नी की मौत दहेज के माँग से उत्पन्न उत्पीड़न के कारण हुई, तो महिला के पति और ससुराल वालों को दंडित किया जा सकता है। क्रूरताRead more

दहेज हत्या का मामला

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

यदि विवाह के 7 साल के भीतर किसी महिला की मृत्यु अप्राकृतिक कारणों से होती है, जैसे कि जलने या किसी चोटों के कारण हुई हो जो कि सामान्य नहीं हैं, और इसके साथ-साथ दहेज की मांग के कारण उसे क्रूरता या प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी हो, तो कानून यह मानता है कि उसके पति या उसके रिश्तेदारों नेRead more

क्रूरता (अत्याचार) और दहेज मामलों में गिरफ्तारी के लिए दिशानिर्देश

By Adrija Jayanthy | दहेज, विवाह और तलाक | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

क्रूरता और दहेज मामलों में, कानून का दुरुपयोग कर किये गये गिरफ्तारी को रोकने के लिए, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। पुलिस को क्रूरता के मामलों की जांच करते समय इन दिशानिर्देशों को पालन करने की सख्त जरूरत है। इस सूचना को बाद में गृह मंत्रालय द्वारा एक एडवाज़री (सलाहकारीRead more

हमारे बारे में

न्याया एक नि: शुल्क डिजिटल संसाधन है जो भारत के नागरिकों  को सरल, कार्रवाई योग्य, याद रखने योग्य और आधिकारिक कानूनी जानकारी प्रदान करता है, और दिन-प्रतिदिन की कानूनी समस्याओं को हल करने में उनकी मदद करता है  ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हों और न्याय पाने के लिए सशक्त महसूस करें 

हमारे समाचार पत्र के सदस्य बनें

न्याया आपको सरल भाषा में भारतीय कानूनों के बारे में स्पष्ट, कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि आप अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और न्याय की तलाश कर सकें। हमारे साथ जुड़ें रहने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें


Subscribe to Nyaaya updates on Whatsapp

न्याया से whatsapp पे जुड़ें

Terms of Use

cc logo attribution logo non-commercial logo share alike logo

Except where otherwise noted, content on this site is licensed under Attribution-NonCommercial-ShareAlike 2.5 India (CC BY-NC-SA 2.5 IN) license. Icons by The Noun Project.

  • About Us
  • How Nyaaya Works
  • Feedback
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Nyaaya - India's Laws Explained
  • श्रेणियाँ
    • भेदभाव
      • लिंग पहचान और यौन अभिविन्यास (सेक्शुअल ओरिएंटेशन) के चलते हिंसा की संभावनाएं
      • LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए हेल्थकेयर
      • एलजीबीटी व्यक्तियों के लिए पहचान प्रमाण पत्र
    • स्वास्थ्य और पर्यावरण
      • कोविड 19 / कोरोना वायरस
      • धूम्रपान
    • धन और संपत्ति
      • वसीयत
      • किराया
    • परिवार
      • माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल
    • पुलिस और न्यायालय
      • गिरफ्तारी
      • प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर)
      • जमानत
    • विवाह और तलाक
      • अंतर-धार्मिक विवाह
      • हिंदू विवाह
    • सरकार और राजनीति
      • पहचान प्रमाण
      • चुनाव से 48 घंटे पहले
      • राज – द्रोह
      • सूचना का अधिकार
    • हिंसा और दुर्व्यवहार
      • घरेलु हिंसा
      • ऑनलाइन दुरुपयोग
      • बच्चों का यौन शोषण
      • रैगिंग
    • काम और रोजगार
      • कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न
      • बाल श्रम
      • रोजगार अनुबंध
      • व्यावसायिक नैतिकता
  • संसाधन
    • गाइड
    • वीडियो
  • आस्क न्याया
  • English (अंग्रेजी)
  • हिन्दी
Nyaaya