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Home Archive by category "पुलिस और न्यायालय"

आरोप पत्र

By Adrija Jayanthy | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 1

एक बार जब आपने अपराध की सूचना एफआइआर दर्ज करके दे दी, तो इसके बाद प्रभारी अधिकारी को यह रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी, जो बिना किसी अनावश्यक देरी के मामले पर ध्यान देंगे और जांच को आगे बढ़ाएंगे। यह अनिवार्य कदम है जिसका पालन पुलिस को करना होगा, क्योंकि इसके चलते मजिस्ट्रेट को जांचRead more

यदि कोई पुलिस अधिकारी आपका एफआईआर दर्ज करने से इन्कार करता है तो इसकी शिकायत कहां करें

By Adrija Jayanthy | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 5

यदि कोई पुलिस अधिकारी आपकी शिकायत स्वीकार नहीं करता है तो आप अपनी शिकायत लिखकर पुलिस अधीक्षक को भेज सकते हैं। यदि पुलिस अधीक्षक को लगता है कि आपके मामले में दम है तो वह उस मामले की जांच-पड़ताल शुरू करने के लिए पुलिस कर्मी की नियुक्ति कर सकता/सकती है।Read more

महिला से संबंधित अपराधों के लिए एफ़आईआर दर्ज करना

By Sumeysh Srivastava | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 2

यदि आप निम्नलिखित में से किसी अपराध के बारे में जानकारी देना चाहते हैं तो ऐसी जानकारी किसी महिला पुलिस अधिकारी या किसी अन्य महिला अधिकारी को ही दर्ज करानी होती है: तेजाब के फेंकने के चलते महिला का गंभीर तरह से जख्मी होना स्वेच्छा से तेजाब फेंकना या फेंकने की कोशिश करना उसकी शालीनताRead more

एफ़आईआर कहां दर्ज की जा सकती है

By Sumeysh Srivastava | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 4

किसी भी पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज की जा सकती है। यह हो सकता है कि अपराध उस पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो, पर इससे चलते शिकायत दर्ज कराने में कोई अड़चन नहीं है। पुलिस के लिए यह अनिवार्य है वह उपलब्ध कराई गई जानकारी को दर्ज करे, और फिर उसेRead more

एफआइआर कैसे दर्ज करें

By Sumeysh Srivastava | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 3

यदि कोई अपराध हुआ हो तो: आप नजदीकी पुलिस थाने में जाएं: पुलिस थाना उस इलाके में होना जरूरी नहीं है जिस इलाके में अपराध हुआ हो। नजदीकी पुलिस थाने का पता लगाने के लिए कृपया ‘इंडियन पुलिस एट योर कॉल’ एप्प को डाउनलोड करें। एंड्रायड फोन उपयोग करने वालों के लिए: https://play.google.com/store/apps/details?id=in.nic.bih.thanalocator&hl=en एप्पल फोन उपयोगRead more

कौन एफआइआर दर्ज कर सकता है

By Sumeysh Srivastava | पुलिस और न्यायालय, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) | 0 comment | 16 सितम्बर, 2019 | 3

आप एफआइआर दर्ज कर सकते हैं यदि आप: किसी जुर्म के शिकार हैं। किसी जुर्म के शिकार व्यक्ति के परिचित या दोस्त हैं। आपको किसी ऐसे जुर्म की जानकारी है जो किया जा चुका है या होने वाला है। जरूरी नहीं है कि एफआइआर दर्ज कराने के लिए आपको अपराध की पूरी जानकारी हो। लेकिनRead more

बिना जमानत के, कारावास का अधिकतम सीमा

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

जो लोग जेल में हैं, और उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं तो उन्हें अंडर-ट्रायल कैदी कहा जाता है। चूंकि भारत में मुकदमें कई वर्षों तक चलते रहते हैं, इसलिए अंडर-ट्रायल कैदियों को, अपराध के लिये दोषी सिद्ध हुए बिना, लंबे समय तक जेल में रहने से, उन्हें बचाया जाना चाहिए। कानून में अंडर-ट्रायल कैदियोंRead more

अग्रिम जमानत के लिए शर्तें

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर रहे व्यक्ति को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा, या उसका वादा करना होगा: -आवश्यकता होने पर वह व्यक्ति, पुलिस अधिकारी द्वारा पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेगा।-वह व्यक्ति, प्रयत्यक्ष रुप से या अप्रत्यक्ष रुप से, किसी ऐसे व्यक्ति को जिसे इस मामले के तथ्यों की जानकारी है, उसे अदालतRead more

अग्रिम जमानत

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

कानून हर वैसे व्यक्ति को जमानत के लिए आवेदन करने की इजाजत देता है, जिसे भले ही अभी गिरफ्तार नहीं किया गया हो, लेकिन निकट भविष्य में उसे अपनी गिरफ्तारी का भय/संदेह है। इस प्रकार की जमानत को अग्रिम जमानत के रूप में जाना जाता है। पुलिस उस व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती जिसकेRead more

गैर-जमानती अपराधों के लिए जमानत

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 3

गैर-जमानती अपराध के आरोप में भी, कुछ मामलों में आपको जमानत दी जा सकती है: अगर जांच या मुकदमे के किसी भी चरण में, अधिकारी या न्याालय को यह लगता है कि अभियुक्त ने गैर-जमानती अपराध नहीं किया है, तो आरोपी को जमानत दी जा सकती है। यदि गैर-जमानती अपराध के आरोप में किसी व्यक्तिRead more

जमानत रद्द करना

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 0

ऐसे मामलों में जहां न्यायालय का मानना है कि कार्यवाही के किसी भी चरणों के दौरान, वह व्यक्ति:-गवाहों को भयभीत करने, रिश्वत देने या छेड़छाड़ करने में लगा है,-फरार होने या भागने की कोशिश कर रहा है। तब न्यायालय उसकी जमानत रद्द कर सकती है, और उस व्यक्ति को फिर से गिरफ्तार कर सकती है।Read more

जमानत देने से इनकार करना

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

गैर-जमानती अपराधों के लिए न्यायालय आपको जमानत देने से इनकार कर सकता है, जब आपके द्वारा किए गए अपराध का दण्ड निम्न श्रेणी में हो तो अदालत आपको जमानत देने से इन्कार कर सकता है:-मौत की सजा,-आजीवन कारावास,-7 साल से अधिक जेल की सजा,-अगर अपराध संज्ञेय (कॉग्निज़ेबल) है, या यदि आपको दो या दो सेRead more

जमानत को भलि भांति समझना

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 2

जब एक आरोपी व्यक्ति अदालत/पुलिस को आश्वासन देता है कि वह रिहा होने पर समाज से भागेगा नहीं और कोई नया अपराध नहीं करेगा, तब उसे जमानत दी जाती है । अतः, जमानत आमतौर पर इनमें से किसी एक खास तरीके से मिलता है: ###जमानती बॉण्ड जमानती बॉण्ड वह पैसा है जिसे किसी व्यक्ति द्वाराRead more

जमानत का अधिकार

By Sumeysh Srivastava | जमानत, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

आपको जमानत का अधिकार है। जमानती अपराधों के मामले में इस अधिकार का सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है। गैर जमानती अपराधों के लिए यह अधिकार न्यायालय के विवेक पर निर्भर है। जमानत देने का तर्क यह है कि, अगर आरोपी के भागने का कोई बड़ा संदेह/खतरा नहीं है, तो इसका कोई कारण नहीं हैRead more

पुलिस द्वारा जारी अधिसूचना (नोटिस)

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

ऐसे मामलों में जहां पुलिस किसी वारंट के बिना गिरफ्तारी कर सकती है लेकिन उसकी राय यह है कि इसमें गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है, तो ऐसे व्यक्ति को पुलिस अपने समक्ष, या किसी निर्दिष्ट स्थान पर पेश होने के लिए अधिसूचना जारी कर सकती हैं। हालांकि, इस तरह की अधिसूचना जारी करने के लिएRead more

मजिस्ट्रेट के सामने पेशी

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

कोई भी व्यक्ति जिसे गिरफ्तार किया गया है और पुलिस की हिरासत में रक्खा गया है, गिरफ्तारी के चौबीस घंटे की अवधि के अंदर उसे निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। पुलिस द्वारा हर गिरफ्तार व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना इसलिए जरूरी है यह सुनिश्चित हो सके कि व्यक्ति की गिरफ्तारीRead more

अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ मौलिक अधिकार

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 2

अगर आपको पता है कि किसी व्यक्ति को, पुलिस या किसी प्राधिकारी ने हवालात में रक्खा है, या गिरफ्तार किया है लेकिन कोई कारण नहीं बता रहा है, तो ऐसे मामलों में, गिरफ्तार व्यक्ति या उसका कोई रिश्तेदार, भारत के किसी भी उच्च न्यायालय में या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष, बंदी प्रत्यक्षीकरण (ह्बीस कॉर्पस) याचिकाRead more

गिरफ्तारी करने का अधिकार

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

हांला कि कानून के विभिन्न अधिकारियों को गिरफ्तारी करने का अधिकार है, वे आम तौर पर पुलिस द्वारा ही किए जाते हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बारे में अधिक समझने के लिए कृपया हमारे ‘व्याख्याता’ (‘एक्सप्लेनर’) को पढ़ें। कानून, पुलिस के अलावा मजिस्ट्रेटों को, लोगों को गिरफ्तार करने और उन्हें हिरासत में लेने का अधिकारRead more

एक महिला को गिरफ्तार करना

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

गिरफ्तारी करते समय, पालन किये जाने वाले आवश्यक सभी नियमों के अलावा, एक महिला को गिरफ्तार करते समय पुलिस को कुछ अन्य महत्वपूर्ण चीजों को ध्यान में रखना होगा। वे हैं: सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले एक महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता (जब तक कि असाधारण परिस्थितियाँ हैं नहीं)। जब एकRead more

पुलिस के कर्तव्य:

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 3

सूचित करना गिरफ्तारी के 12 घंटों के भीतर, पुलिस अधिकारी को इसके बारे में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पुलिस कंट्रोल रूम) को सूचित करना होगा: आपकी गिरफ्तारी के बारे में वह जगह जहां आपको हिरासत में रक्खा जा रहा है। छान-बीन करना जांच के दौरान पुलिस केस की छान-बीन करेगी और इसकी एक केस डायरी बनाएगी।Read more

गिरफ्तार होते समय आपके अधिकार

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 1

जब आपकी गिरफ्तारी हो रही है, उस समय आपके पास कुछ अधिकार हैं, जो हैं: आप पुलिस से, उनकी पहचान पूछ सकते हैं क्योंकि उन्हें अपने पदनाम सहित नाम का स्पष्ट टैग पहने रहना चाहिये, जो सही हो, और साफ दिखे। आप पुलिस से अपने वकील को फोन करने के लिए कह सकते हैं। अगरRead more

दोस्तों और परिवार को सूचित करना

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 0

जब आपको गिरफ्तार किया जा रहा है, तो इससे पहले कि आप हिरासत में ले लिये जाएं, आप एक व्यक्ति (दोस्त या परिवार के सदस्य) को चुन सकते हैं जिन्हें, आपकी गिरफ्तारी की खबर पुलिस को देनी होगी। यदि गिरफ्तार व्यक्ति के दोस्त या परिवार किसी और जिले या शहर में रहते हैं, तो पुलिसRead more

वारंट के साथ गिरफ्तारी

By Sumeysh Srivastava | गिरफ्तारी, पुलिस और न्यायालय | 0 comment | 15 सितम्बर, 2019 | 5

एक गिरफ्तारी तब होती है जब किसी व्यक्ति को पुलिस द्वारा शारीरिक रूप से हिरासत में लिया जाता है। किसी भी व्यक्ति को, पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के कारणों को बिना बताये, और किस कानून के अंतर्गत उसकी गिरफ्तारी की जा रही है इसकी सूचना बिना दिये, हिरासत में नहीं लिया जा सकता है। आमRead more

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