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Home परिवार Archive by category "माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल"

‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसेड्यूर) के तहत भरण-पोषण

By Sumeysh Srivastava | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 13 सितम्बर, 2019 | 1

‘आपराधिक प्रक्रिया संहिता’ की धारा 125 के तहत यदि पर्याप्त संसाधनों वाला कोई व्यक्ति अपने माता-पिता को, जो अपने भरण-पोषण के लिये स्वयं को असमर्थ पाते हैं, उनकी देखभाल करने से मना करता है या अनदेखा करता है तो प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति को भरण-पोषण के लिए उन्हें मासिक भत्ता देने के लिएRead more

भरण-पोषण की कुल राशि / निर्वाह व्यय

By Sumeysh Srivastava | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 13 सितम्बर, 2019 | 0

भरण-पोषण के तौर पर दी जाने वाली कोई मानक राशि नहीं है। यह मामले के आधार पर तय किया जाता है। आपको ‘निर्वाह व्यय’ के लिये मिलने वाली राशि, न्यायालय कई तरह के कारकों में लेते हुए तय करेगी जैसेः समर्थक / सहायक एवं आश्रितों की सामाजिक स्थिति एवं जीवन स्तर।  आपकी जरूरतें और आवश्यकताएंRead more

मृत्यु के बाद भी भरण-पोषण का उत्तरदायित्व

By Sumeysh Srivastava | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 13 सितम्बर, 2019 | 1

माता-पिता के भरण-पोषण का कर्तव्य किसी व्यक्ति के लिये, स्वयम् के मृत्यु के बाद भी रहती है। एक आवेदन पर न्यायालय यह आदेश दे सकता है कि किसी व्यक्ति के धन और संपत्ति का एक हिस्सा वृद्ध और निर्बल माता-पिता को दे दिया जाए। ऐसे मामलों में भरण-पोषण की राशि, उस मृत व्यक्ति पर लागूRead more

न्यायधिकरण से भरण-पोषण के लिए दावा करना

By Adrija Jayanthy | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 13 सितम्बर, 2019 | 0

आप, ‘भरण-पोषण न्यायधिकरण’ (मेंटीनेन्स ट्रिब्यूनल) में ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 के तहत अर्जी दे सकते हैं। आप अपनी अर्जी उस क्षेत्र के भरण-पोषण न्यायधिकरण में दे सकते है जहाँः आप वर्तमान समय में रह रहें हैं, या पहले रह चुके हैं, या जहां आपकी संतान या रिश्तेदार रहतेRead more

हिंदू कानून के तहत भरण-पोषण का उत्तरदायित्व

By Adrija Jayanthy | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 11 सितम्बर, 2019 | 0

जैविक/दत्तक माता-पिता जो हिंदू, बौद्ध, जैन या सिख हैं और वृद्ध हैं, तो वे ‘हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण’ अधिनियम, 1956 के तहत अपने वयस्क संतानों से भरण-पोषण की मांग सकते हैं, यदि वे अपनी आय या संपत्ति से खुद का देखभाल करने में असमर्थ हैं। उनके बेटे या बेटी, यदि अब इस दुनियाँ मेंRead more

संतान द्वारा माता-पिता की देखभाल

By Adrija Jayanthy | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 11 सितम्बर, 2019 | 0

भारतीय कानून के अनुसार, परिस्थितियों के आधार पर, सभी व्यक्तियों को अपने माता-पिता के भरण-पोषण और आश्रय की जिम्मेदारी लेना आवश्यक है, चाहे वो उनके जैविक माता-पिता हों, सौतेले हों, या दत्तक हों। ‘माता पिता और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण एवं देखभाल’ अधिनियम, 2007 एक विशेष कानून है जिसके तहत एक वरिष्ठ नागरिक (60 वर्षRead more

अस्थायी भरण-पोषण भुगतान

By Adrija Jayanthy | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 11 सितम्बर, 2019 | 0

अपने संतानों या रिश्तदारों को, मासिक आधार पर अस्थायी भरण-पोषण का भुगतान करने का आदेश देने के लिए, आप न्यायालय में अर्जी दे सकते हैं। न्यायालय को इस बात का फैसला करना है कि आपके आवेदन के बारे में आपके संतानों या रिश्तोदारों को सूचित करने के 90 दिनों के भीतर, क्या आपको अस्थायी भरण-पोषणRead more

वरिष्ठ नागरिकों को परित्याग करने और उपेक्षा करने की सजा

By Adrija Jayanthy | परिवार, माता-पिता और बुजुर्गों की देखभाल | 0 comment | 11 सितम्बर, 2019 | 0

यदि आप किसी वरिष्ठ नागरिक को किसी स्थान पर छोड़ देते हैं परित्याग करने के विचार से, और उनकी देखभाल नहीं करते हैं तो आपको इसके लिये तीन महीने तक का जेल और/या तो 5000 रुपये तक जुर्माने की सजा दी जा सकती है। पुलिस, किसी न्यायालय की अनुमति के बिना, गिरफ्तारी कर सकती है।Read more

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