‘विशेष विवाह’ या अंतर-धार्मिक विवाह क्या है

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

नागरिक विवाह, जिन्हें आमतौर पर ‘विशेष विवाह’ या ‘अंतर-धार्मिक विवाह’ भी कहा जाता है, दम्पति के धर्म पर निर्भर नहीं करते हैं। इसके बजाए, विवाह, विशेष विवाह अधिनियम के तहत होता है, जिसके तहत अलग-अलग धर्म का पालन करने वाले जोड़े को भारत में शादी करने का अधिकार है।

इस कानून के तहत शादी करने के लिए, आपको यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या आप और आपके जीवनसाथी कानूनी रूप से शादी करने के योग्य हैं या नहीं। उदाहरण के लिए, आपकी उम्र शादी करने की निर्धारित उम्र से अधिक होनी चाहिए और अपने वर्तमान साथी से तलाक लिए बिना आप दूसरी शादी नहीं कर सकते।

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विवाह रजिस्ट्रार द्वारा विवाह की क्या प्रक्रिया है?

कोई जोड़ा विवाह रजिस्ट्रार द्वारा विवाह करवाना चाहता है, तो एक को उस जिले के रजिस्ट्रार को व्यक्तिगत रूप से नोटिस देना होगा।

अधिनियम के तहत अंतर-धार्मिक विवाह के पंजीकरण की प्रक्रिया

विशेष विवाह के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया इस प्रकार है:

किसी लाइसेंस प्राप्त धार्मिक पादरी द्वारा विवाह की प्रक्रिया क्या है?

यदि दो व्यक्ति एक लाइसेंस प्राप्त धार्मिक पादरी द्वारा विवाह करना चाहते हैं, तो उनमें से एक को विवाह करने का इरादा जताते हुए मंत्री को व्यक्तिगत रूप से एक सूचना देनी होगी।

ईसाई कानून के तहत कौन विवाह कर सकता है?

कानून धर्म में व्यक्ति के आस्था की प्रामाणिकता को देखता है, यह निर्धारित करने के लिए कि वह ईसाई है या नहीं।

ईसाई विवाह कौन करवा सकता है?

किसी फादर द्वारा किया गया कोई विवाह चर्च के उस विशेष संप्रदाय के नियमों, संस्कारों, समारोहों और रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा।

ईसाई विवाह कब और कहां किया जा सकता है?

इंग्लैंड के चर्च, रोम के चर्च के पुजारी इन घंटों से परे विवाह कर सकते हैं, जब तक कि यह उनके चर्च के रीति-रिवाजों और नियमों के अनुसार है।