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पंजीकृत फार्मासिस्टों का मरीजों के प्रति कर्तव्य

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    पंजीकृत फार्मासिस्टों का मरीजों के प्रति कर्तव्य

    By mayank | काम और रोजगार, व्यावसायिक नैतिकता | 0 comment | 1 अप्रैल, 2021 | 0

    This post is also available in: English (अंग्रेजी)

    ग्राहकों की मदद करते समय, फार्मासिस्टों के कुछ कर्तव्य हैं:

    • एक फार्मासिस्ट हर उस व्यक्ति को अटेंड करने के लिए बाध्य नहीं है, जो उनकी सेवाओं की मांग करते हैं। हालांकि, एक फार्मासिस्ट को हमेशा बीमारों और घायलों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।
    • फार्मासिस्टों को हमेशा अपने मरीजों की गोपनीयता बनाए रखनी चाहिए। उदाहरण के लिए, एक फार्मासिस्ट को मेडिकल अटेंडेंस के दौरान देखे गए रोगियों के किसी भी मामलों या दोषों को प्रकट नहीं करना चाहिए। हालांकि, अगर राज्य के कानून के अनुसार ऐसी जानकारियां देना फार्मासिस्ट के लिए आवश्यक है, तो वे ऐसा कर सकते हैं। फार्मासिस्ट इस तरह की जानकारियां भी दे सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि यह किसी स्वस्थ तीसरे पक्ष को मलेरिया, कोविड-19 आदि जैसे संक्रामक रोग से बचाएगा।
    • रोग का निदान करते समय, फार्मासिस्ट को रोगी की स्थिति की गंभीरता को न तो कम, ना ही ज्यादा करके बतानी चाहिए। इसके अलावा, फार्मासिस्टों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रोगी, रोगी के परिवार और करीबी दोस्तों को रोगी की स्थिति का सही ज्ञान हो, ताकि यह रोगी और रोगी के परिवार के सर्वोत्तम हितों में सहायक हो।
    • आपातकालीन स्थिति में फार्मासिस्ट को उनकी सहायता के लिए किसी भी अनुरोध का जवाब तुरत देना चाहिए। उन्हें जानबूझकर वैसी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, जो रोगी को आवश्यक चिकित्सा देखभाल से वंचित कर दे।

    फार्मासिस्टों द्वारा रोगी के लिए परामर्श

    डॉक्टर द्वारा दी गई दवा का पर्चा प्राप्त करने के बाद, और रोगी के रिकॉर्ड की समीक्षा करने के बाद, एक पंजीकृत फार्मासिस्ट को उन मामलों की व्यक्तिगत रूप से चर्चा शुरू करनी चाहिए, जो दवा चिकित्सा या रोगी की देखभाल के लिए अनुकूलन रहेंगे। फार्मासिस्ट चर्चा को व्यक्तिगत रूप से, या टेलीफोन आदि द्वारा संचालित कर सकता है।

    रोगी को परामर्श देते वक्त चर्चा में उपयुक्त चीजें शामिल होनी चाहिए। इसमें निम्नलिखित बातें शामिल हो सकती हैं:

    • दवाओं का नाम और विवरण
    • दवा, दवा की मात्रा, दवा को कैसे लेना है और दवा लेने की अवधि
    • दवा के लिए विशेष निर्देश और सावधानियां
    • आम दुष्प्रभाव, प्रतिकूल प्रभाव आदि, जिनका सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उनका परहेज़ भी शामिल है, और अगर ऐसा होता है तो इसके प्रति ज़रूरी कार्रवाई करना।
    • दवा लेते वक्त खुद को मॉनिटर करने की तकनीक
    • दवाओं का उचित भंडारण

    रोगी या उनके एजेंट हमेशा इस तरह के परामर्श से इनकार कर सकते हैं।

    परामर्श के दौरान फार्मेसियों की भूमिका

    फार्मासिस्ट को रोगी को दी जाने वाली दवाओं का रिकॉर्ड रखना होता है। इसके अलावा, रोगी परामर्श प्रदान करने वाले फार्मेसियों को ध्यान में रखना होगा कि:

    • केवल पंजीकृत फार्मासिस्ट ही काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
    • गोपनीय रूप से चर्चा के लिए सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, और रोगी की गोपनीयता को बनाए रखा जाना चाहिए।
    • इसके लिए उचित डॉक्यूमेंटेशन आवश्यक है।
    • परामर्श, रोगी के भले के लिए होना चाहिए। प्रत्येक परामर्श में, रोगी का लाभ सबसे ज्यादा महत्व रखता है। मामले में लगे सभी पंजीकृत फार्मासिस्ट को रोगी और उसके परिचारकों के साथ फ्रैंक होना चाहिए।
    • काउंसलिंग के दौरान समय की पाबंदी बनाई रखनी चाहिए।

    हालांकि, यह याद रखें कि कानून फार्मासिस्टों को रोगों का निदान करने और रोगियों को दवाएं लिखने के लिए फार्मा क्लीनिक खोलने की अधिकार नहीं देता है।

    यदि इन कर्तव्यों को पूरा नहीं किया जाता है और आप ग्राहक / रोगी के रूप में समस्याओं का सामना करते हैं, तो आप फार्मासिस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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