LGBTQ+ व्यक्तियों के लिए लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक चिकित्सा (करेक्टिव थेरेपी)

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

आमतौर पर वे लोग, जो जन्म में मिले आपने लिंग से खुद को जोड़ नहीं पाते हैं, वे हीं शल्य चिकित्सा द्वारा अपने लिंग को स्वयं-निर्धारित लिंग में बदलना चाहते हैं। हालांकि आपको अपने स्वयं-निर्धारित लिंग से अपनी पहचान बनाने के लिये किसी भी तरह की सर्जरी कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस तरह की स्थितियों में, नीचे दी गई दो सबसे सामान्य तरह की शल्य चिकित्साएं की जाती हैं:

  • लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी -GAT), प्रक्रियाओं का एक सेट है जिसमें मनोवैज्ञानिक सलाह से लेकर लिंग पुनर्निर्धारण शल्य चिकित्सा (सेक्स रीअस्साइनमेंट सर्जरी) तक शामिल है, जिसका उद्देश्य आपके बाह्याकृति को भी बदलना है ताकि वह आपके स्वयं-निर्धारित लिंग से ज्यादा से ज्यादा अनुरूप हो सके। उदाहरण के लिए, रीता जन्म के समय एक लड़की के रूप में पैदा हुई, लेकिन बड़े होने के दौरान, वह खुद को पुरुष रूप में देखने लगी। वह स्तन निवारण (ब्रेस्ट रिमूवल) शल्य चिकित्सा आदि जैसे लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) के माध्यम से वह अपनी वाह्याकृति में पुरुषत्व ला सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) करा कर खुद को एक पुरुष या महिला के रूप में अभिपुष्टि करना आपका संवैधानिक अधिकार है, और इस चलते आपके लिये लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) कराने में कोई कानूनी या अन्य अड़चन नहीं है।

  • सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) / अंतर लिंग शल्य चिकित्सा (इंटरसेक्स सर्जरी) उन प्रक्रियाओं को इंगित करता है, जो यौन विशेषताओं और जननांगों को संशोधित करने के लिए की जाती हैं जब वे अनियमित होते हैं, अर्थात जब जननांग, न पुरुष जननांग जैसे हैं, न स्त्री जननांग जैसे। उदाहरण के लिए, एक बच्चा, नकुल, पुरुष और महिला दोनों जननांगों के साथ पैदा होता है, लेकिन बड़े होने के दौरान वह महसूस करता है कि वह एक पुरुष है, तो वह खुद को पुरुष लिंग से ज्यादा अनुरूप बनाने के लिए अपने जननांग की सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) करवा सकता है।

हालांकि अभी कोई राष्ट्रव्यापी अधिनियम नहीं हैं, पर तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने, कम उम्र के शिशुओं पर अनावश्यक चिकित्सा प्रक्रियाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि अवैध सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) को रोका जा सके।

लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी)

भारत में लिंग सकारात्मक चिकित्सा (जेंडर अफर्मेटिव थेरेपी) और सुधारात्मक शल्य चिकित्सा (करेक्टिव सर्जरी) के निर्वाह्य योग्यता, प्रक्रिया, आदि के लिए ना ही कोई कानून है, और ना ही कोई दिशानिर्देश।

यदि आप अपने यौन अभिविन्यास या लिंग निर्धारण के चलते, चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवाओं को पाने के दौरान किसी भी तरह का भेदभाव का सामना करना पड़ता हैं, तो आप कार्रवाई यहां दिए गए विकल्पों के आधार पर कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों की जिम्मेदारी

बैंकों को अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन के लिए अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए पंजीकरण करने के लिए कहना चाहिए।

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

इस सबके बावजूद, शिकायत का समाधान न होने पर, आप उपभोक्ता मंचों से संपर्क हेतु किसी वकील की मदद ले सकते हैं।

उपभोक्ता शिकायत मंच

उपभोक्ता संरक्षण कानून संबद्ध प्राधिकरणों को निर्दिष्‍ट करता है कि कोई उपभोक्ता-अधिकारों का उल्‍लंघन होने पर उनसे संपर्क कर सकता है।

उपभोक्ता शिकायतों के प्रकार

उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को निम्नलिखित प्रकार की उपभोक्ता शिकायतें दर्ज करने का अधिकार है |

ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म के खिलाफ उपभोक्ता शिकायतें

खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से खरीदे गए डिजिटल और अन्य उत्पादों से जुड़े अनुचित व्यापार व्‍यवहारों के खिलाफ भी शिकायत कर सकते हैं।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ क्रूर और अपमानजनक अत्याचार

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ किए गए निम्न में से किसी भी अपराध को कानून ने अत्याचार माना हैछ
citizen rights icon