गैर-जमानती अपराधों के लिए जमानत

आखिरी अपडेट Jul 12, 2022

गैर-जमानती अपराध के आरोप में भी, कुछ मामलों में आपको जमानत दी जा सकती है:

  • अगर जांच या मुकदमे के किसी भी चरण में, अधिकारी या न्याालय को यह लगता है कि अभियुक्त ने गैर-जमानती अपराध नहीं किया है, तो आरोपी को जमानत दी जा सकती है।
  • यदि गैर-जमानती अपराध के आरोप में किसी व्यक्ति के मुकदमे में 60 दिनों से ज्यादा समय लगता है, और वह व्यक्ति 60 दिन से जेल में हो, तो अदालत उसे रिहा कर सकती है और उसे जमानत दे सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

क्या आपके पास कोई कानूनी सवाल है जो आप हमारे वकीलों और वालंटियर छात्रों से पूछना चाहते हैं?

Related Resources

एफआईआर, गिरफ्तारी और जमानत

इसके अलावा, वह व्यक्ति जो इस कानून के तहत किए या ना किए गए अपराधों के लिए गिरफ्तारी से डरता है, वह अग्रिम जमानत के लिए फाइल नहीं कर सकता है।
citizen rights icon

पीड़ितों और गवाहों के अधिकार

यह विशेष कानून पीड़ितों, उनके आश्रितों और इस कानून के तहत दायर शिकायतों के गवाह के रूप में कार्य करने वालों को कुछ अधिकारों की गारंटी देता है।
citizen rights icon

अत्याचार करने वाले व्यक्तियों का निर्वासन

यदि किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे क्षेत्रों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अपराध या अत्याचार करने की संभावना है, तो विशेष अदालतें उन्हें वहां से हटा सकती हैं।
citizen rights icon

अग्रिम जमानत

कानून हर वैसे व्यक्ति को जमानत के लिए आवेदन करने की इजाजत देता है, जिसे भले ही अभी गिरफ्तार नहीं किया गया हो, लेकिन निकट भविष्य में उसे अपनी गिरफ्तारी का भय/संदेह है।

जमानत को भलि भांति समझना

जब एक आरोपी व्यक्ति अदालत/पुलिस को आश्वासन देता है कि वह रिहा होने पर समाज से भागेगा नहीं और कोई नया अपराध नहीं करेगा, तब उसे जमानत दी जाती है ।

अदालत की अवमानना ​​कहां हो सकती है?

कोर्ट की अवमानना ​​कहीं भी हो सकती है-कोर्ट के अंदर, सोशल मीडिया पर, आदि। अवमानना ​​की कार्यवाही या तो उच्च न्यायालय द्वारा की जा सकती है।